सुकन्या-समृद्धि-योजना-2024- का नया बदलाव
खाता खोलने की प्रक्रिया और शर्तेंसुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भारत सरकार की एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य बेटियों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह योजना विशेष रूप से उनकी शिक्षा और विवाह के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार करने में सहायक है। आइए जानते हैं इस योजना की प्रमुख विशेषताओं और लाभों के बारे में:
सुकन्या-समृद्धि-योजना-2024- का नया बदलाव
, खाता खोलने की उम्र और स्थान:
सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में खोला जा सकता है। यह खाता बेटी के जन्म के समय से लेकर 10 वर्ष की उम्र तक खोला जा सकता है। यदि आपकी बेटी योजना शुरू होने के एक साल पहले ही 10 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुकी हो, तो भी खाता खोला जा सकता है। एक बेटी के नाम से केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।
निवेश की राशि:
खाता खोलते समय न्यूनतम 1000 रुपये और एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने होते हैं। खाते को 14 वर्षों तक सक्रिय बनाए रखने के लिए हर साल न्यूनतम राशि जमा करनी होती है। यदि न्यूनतम राशि जमा नहीं की जाती है, तो 50 रुपये की पैनल्टी लगती है।
खाता संचालन:
बेटी की 10 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले खाता अभिभावक द्वारा संचालित किया जाएगा। इसके बाद, बेटी स्वयं भी खाते का संचालन कर सकती है। यह खाता देशभर में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
खाते की परिपक्वता:
खाता 21 वर्ष की आयु पर परिपक्व होगा। बेटी की 18 वर्ष की आयु पर, शिक्षा या विवाह के लिए खाते की जमा राशि का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है। पूरी जमा राशि और ब्याज खाते के 21 वर्ष पूरे होने पर निकाली जा सकती है। यदि बेटी की शादी 21 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, तो खाते का संचालन विवाह की तारीख के बाद नहीं किया जा सकता। बेटी की मृत्यु की स्थिति में, खाता बंद हो जाएगा और जमा राशि एवं ब्याज निकाले जा सकते हैं।
लाभ और विशेषताएँ
1.उच्च ब्याज दर:
सुकन्या समृद्धि योजना पर 9.2 प्रतिशत की ब्याज दर प्रदान की जाती है, जो अन्य वित्तीय विकल्पों की तुलना में काफी आकर्षक है।
2. कर लाभ: इस योजना में जमा की गई राशि और अर्जित ब्याज आयकर के अधीन नहीं हैं। यह धारा 8 % के तहत कर लाभ की सुविधा प्रदान करती है।
3. शिक्षा और विवाह : इस योजना के तहत बेटी की पढ़ाई और विवाह जिससे परिवार की आर्थिक चिंता कम होती है।
4.कम पैनल्टी:
खाते की न्यूनतम राशि जमा न करने पर केवल 50 रुपये की पैनल्टी लगती है, जो बहुत ही न्यूनतम है।
नोट:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत सुकन्या समृद्धि खाते की घोषणा की थी। प्रारंभ में कुछ बैंकों ने इसके लिए सर्कुलर का इंतजार किया, लेकिन अब यह योजना पूरी तरह सक्रिय है और इसके नियम 2 दिसंबर 2014 को अधिसूचित किए गए थे।
सुकन्या समृद्धि योजना एक प्रभावशाली वित्तीय विकल्प है, जो बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाता है। यह योजना हर परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपनी बेटी के लिए एक बेहतर वित्तीय आधार तैयार कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भारत सरकार की एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य बेटियों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह योजना विशेष रूप से उनकी शिक्षा और विवाह के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार करने में सहायक है। आइए जानते हैं इस योजना की प्रमुख विशेषताओं और लाभों के बारे में:
खाता खोलने की प्रक्रिया और शर्तें
खाता खोलना: सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में खोला जा सकता है। यह खाता बेटी के जन्म के समय से लेकर 10 वर्ष की उम्र तक खोला जा सकता है। अगर आपकी बेटी ने योजना शुरू होने के एक साल पहले 10 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो, तो भी खाता खोला जा सकता है। ध्यान दें कि एक बेटी के नाम से केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।
निवेश की राशि: खाता खोलते समय न्यूनतम 1000 रुपये और एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने होंगे। इस खाते को 14 वर्ष तक सक्रिय बनाए रखने के लिए हर साल न्यूनतम राशि जमा करनी होगी। यदि न्यूनतम राशि जमा नहीं की जाती है, तो 50 रुपये पैनल्टी के रूप में वसूल किए जाएंगे।
खाता संचालन: बेटी की 10 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पहले खाता अभिभावक द्वारा संचालित होगा। इसके बाद, बेटी स्वयं भी खाते का संचालन कर सकती है। खाता देशभर में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
खाते की परिपक्वता: खाता 21 वर्ष की आयु पर परिपक्व होगा। 18 वर्ष की आयु पर, बेटी की शिक्षा या शादी के लिए खाते की जमा राशि का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है। पूरी जमा राशि और ब्याज की रकम खाते के 21 साल पूरा होने पर निकाली जा सकती है। यदि बेटी की शादी 21 वर्ष से पहले होती है, तो खाते का संचालन विवाह की तारीख के बाद नहीं किया जा सकता।
मृत्यु की स्थिति में: यदि बेटी की मृत्यु 21 वर्ष से पहले होती है, तो खाता बंद कर दिया जाएगा और जमा राशि एवं ब्याज निकाला जा सकता है।
लाभ और विशेषताएँ
1. उच्च ब्याज दर: इस योजना पर 9.2 प्रतिशत की ब्याज दर दी जाती है, जो अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में काफी आकर्षक है।
जिससे परिवार की आर्थिक चिंता कम होती है।
कम पैनल्टी:
खाते की न्यूनतम राशि जमा न करने पर केवल 50 रुपये की पैनल्टी लगती है, जो बहुत ही न्यूनतम है।
नोट:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत सुकन्या समृद्धि खाते की घोषणा की थी। प्रारंभ में कुछ बैंकों ने इसके लिए सर्कुलर का इंतजार किया, लेकिन अब यह योजना पूरी तरह सक्रिय है और इसके नियम 2 दिसंबर 2014 को अधिसूचित किए गए थे।
सुकन्या समृद्धि योजना एक प्रभावशाली वित्तीय विकल्प है, जो बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाता है। यह योजना हर परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपनी बेटी के लिए एक बेहतर वित्तीय आधार तैयार कर सकते हैं।